बिहार: डिजिटलाइजेशन के इस आधुनिक दौर में कई चीजे आसान हो गई हैं अधिकांश लोग अब मोबाइल ऐप के सहारे अपना सारा काम घर बैठे कर पा रहे हैं,लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं वैसे तो डिजिटाइजेशन बहुत ही अच्छी चीज है लेकिन इसकी बुरी लत अगर लग जाए तो यह नुकसानदेह भी है। आपको बता दें इन दिनों ऑनलाइन गेमिंग का चस्का लोगों में काफी देखने को मिल रहा है बच्चे व्यस्क या फिर अधेड़ उम्र के व्यक्ति भी ऑनलाइन गेमिंग के जंजाल में फस रहे हैं। आमतौर पर बेरोजगार बैठे युवा वर्ग कि रुचि ऑनलाइन गेमिंग के प्रति ज्यादा दिख रही है। कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के लिए युवा ऑनलाइन गेमिंग के दलदल में फंसता चला जा रहा है रातों रात अमीर बनने की लालसा के चलते युवाओं में मोबाइल फोन के जरिए ऑनलाइन गैंबलिंग की प्रवृत्ति एक बीमारी बनती जा रही है। इन्हें जुए की लत लगाने वाले ऑनलाइन गेम पर रोक व स्थाई समाधान नहीं होने से ऐसे खेल वित्तीय जोखिम के साथ मानसिक बीमारी के कारण बनने लगे हैं। सिल्क टीवी के इस खास रिपोर्ट में पाठकों को ऑनलाइन गेम से जुड़ी तमाम नफा नुकसान की जानकारी देना ही हमारा उद्देश्य है। ऑनलाइन गेमिंग एक बड़ा नेटवर्क महानगरों से अलग-अलग राज्यों में फैल रहा है इतना ही नहीं इसका खासा असर बिहार के कई जिलों और गांव कस्बों में भी नजर आने लगा है। भागलपुर में रातों रात अमीर बनने की लालसा के चलते युवाओं में मोबाइल फोन के जरिए ऑनलाइन गैंबलिंग की प्रवृत्ति एक बीमारी बनती जा रही है। प्रतिदिन करोड़ों रुपए का सट्टा ऑनलाइन गेमिंग के पीछे बर्बाद कर दीया जा रहा है। बिना मेहनत किए, शॉर्टकट रास्ते से करोड़पति बनने की चाहत लिए यूवा सुबह से ही लग्जरी लाइफ स्टाइल,महंगे मोबाइल और अय्याशी की कल्पना लेकर ऑनलाइन गेम खेलते हैं, गेमिंग को ठीक तरीके से समझने के लिए इन युवाओं का एक ग्रुप होता है,जबकि चौक चौराहों पर लगी पान की गुमटी में सट्टेबाजी का खूब माहौल जमता है। गैंबलिंग यानी जुआ भारत में गैर-कानूनी है लेकिन दांव लगाने (पैसे) के लिए ऑनलाइन गेमिंग एक ग्रे एरिया बना हुआ है जिस पर लोग सवेरे से ही सट्टेबाजी में अपनी किस्मत आजमाने के लिए लग जाते हैं। जिसकी किस्मत खराब रही उसके पास निराशा हाथ लगती है जबकि कई लोगों के हाथ जैकपोट भी लगता है। हारने जीतने वालों के पैसे का भुगतान ऑनलाइन ही होता है। इसकी लत इतनी बुरी है कि एक बार लग जाए तो फिर आसानी से नहीं छूटती बार-बार हारने पर भीे पैसे की लत ऐसी लगती है की यूवा अपनी किस्मत लागातार आजमाते हैं और मोटी रकम हारकर माता पिता का आर्थिक नुकसान करते हैं। आमतौर पर इस सट्टा बाजारी को लेकर तमाम जानकारी पुलिस को होती है लेकिन इन मामलों में पुलिस का कोई ख़ास एक्शन नजर नहीं आता। आपको बता दें ऑनलाइन लूडो, बिग मुंबई एविएटर फ्री फायर, रम्मी, रूलेट, ब्लैक जैक और इंडियन फ्लैश जैसे इंटरनेट जुआ और ऑनलाइन गेमिंग ने लाखों बच्चों और युवाओं को फंसाया हुआ है. ऑनलाइन गेमिंग और गैंबलिंग की लत से दूर युवा मानते है कि डिजिटाइजेशन के इस दौर में युवा वर्ग ऑनलाइन गैंबलिंग के जिस दलदल में फंसता जा रहा है, उससे निकलना बहुत मुश्किल है। भागलपुर के मनो विशेषज्ञ कहते हैं अत्यधिक फोन पर काम करना भी मानसिक तनाव का कारण होता है ऑनलाइन गेमिंग से युवाओं का भविष्य गर्त मेंजा रहा है। जुए की इस लत से बच्चों के माता-पिता काफी चिंतित रहते है अब पुलिस के आलाधिकारी इस मसले पर क्या संज्ञान लेते हैं यह देखना शेष होगा।