बिहार: केंद्र में एक बार फिर एनडीए की सरकार तो बन गई, और एनडीए के केंद्रतमाम घटक दल ने आपसी सहसहमती से प्रधानमंत्री मोदी को अपना नेता चुना हालांकि मोदी 3.0 की रूपरेखा इस दफा कुछ और ही है एक तरफ भाजपा जहां बहुमत का आंकड़ा भी नही ला सकी वही विपक्ष इस बार मजबूत स्तिथि में हैं। एनडीए सरकार में अहम भूमिका रखने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार पर सबकी नज़र बनी हुई थी और बिहार के विशेष राज्य की मांग पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। वहीं नई सरकार की आम बजट में दशकों की यह मांग फिसड्डी बनकर रह गई हालांकि यह सोमवार को ही तय हो चुका था की बिहार अपनी वर्षों पुरानी मांग के लिए इस बार भी तरस जाएगा। गौरतलब हो की विशेष राज्य की मांग सालों से उठ रही है लेकिन यूपीए हो यह फिर एनडीए की सरकार यह मांग अधूरी ही रह गई वहीं विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को इस मांग पर कई बार आड़े हाथों लिया और केंद्र सरकार से इसपर मोहर लगवाने का दबाव दिया था।जो पूरी तरह से ही विफल रहा, बजट से पूर्व जदयू के कई बड़े नेता ने भी इस मांग को रखा था। लेकिन फाइनल जवाब के तौर पर निराशा ही हाथ लगी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक लिखित जवाब में साफ कर दिया है की बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता है।
हालांकि एनडीसी की ओर से कुछ राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिल चुका है लेकिन राज्य मंत्री के मुताबिक उन राज्यों के वनिस्पत बिहार उस कैटेगरी में फिट नहीं बैठ रहा। 2024 के आम बजट में सबसे ज्यादा नज़र बिहार पर टिकी थी जबकि यहां की जनता भी स्पेशल स्टेटस को लेकर भागदारी सुनिश्चित कराने को लेकर अपेक्षित रही व्यापारिक वर्ग से लेकर आम मध्यम वर्गीय परिवार भी राज्य को विशेष श्रेणी में देखना चाह रही थी। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी कहा है पहले राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) ने कुछ राज्यों को योजना सहायता के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा दिया था, जिनकी कई विशेषताएं ऐसी थीं, जिन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत थी. इन विशेषताओं में पहाड़ी और कठिन भूभाग, कम जनसंख्या घनत्व और/या आदिवासी आबादी का बड़ा हिस्सा, पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान,आर्थिक और अवसंरचनात्मक पिछड़ापन और राज्य के वित्त की गैर-व्यवहार्य प्रकृति शामिल हैं इसी पर जवाब आया है इस जवाब से बिहार के सीएम नीतीश कुमार को एक तरह से बड़ा झटका लगा है। वही इस पर अब बिहार में सियासत तेज हो रही है, आम बजट पेश होते ही नेताओं बयान सामने आ रहे हैं राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव ने तो मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से इस्तीफे देने तक की मांग कर दी है से कुछ तो जेडीयू के नेता भी दबी जुबान से इस पर सवाल कर रहे हैं जिससे मुखमंत्री नीतिश कुमार की अपनी ही पार्टी के द्वारा एनडीए गठबंधन में अपनी भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।