भागलपुर: बिहार में नदियों के जलस्तर में उतार चढाव जारी है कहीं बाढ़ तो कहीं कटाव का खतरा इससे आम लोगो के बीच संकट के बादल मंडरा रहे हैं। तटवर्धी इलाकों की सूची में भागलपुर भी शामिल है जहां प्रत्येक वर्ष बारिश के मौसम में लोगों को बाढ़ और कटाव जैसी समस्याओं से जूझना पढ़ता है। पुलिस जिला नवगछिया के में कई ऐसे पंचायत है जहां कोसी के रौद्र रूप से भीषण कटाव हुआ है,आपको बता दें हर साल कटाव से प्रभावित ग्रामीण बरसात के पहले ही अपना डेरा डंडा समेट लेते हैं और बाढ़ खत्म होने तक बंजारो की तरह जीवन व्यतीत करते हैं। वहीं गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण सबौर प्रखण्ड में भी कटाव जारी है गुरूवार को इसकी पड़ताल करने जब हम इंग्लिश गांव पहुंचे तो वहां भीषण कटाव देखने को मिला नदी की धार इस कदर तेज है कि 5 से 7 फीट तक की जमीन काटकर जमींदोज कर देती है जानकारी के मुताबिक अब तक 10 बीघा से अधिक जमीन कट कर गंगा में समा चुकी है। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से कटावरोधी कार्य की बात तो कही जाती है लेकिन धरातल पर इसका खासा असर देखने को नही मिलता पीछले वर्ष स्टोन चिप्स लगाकर कटाव रोकने का प्रयास तो किया गया लेकिन पानी का तेज बहाव कहा किसी की सुनने जा रहा था। कटाव से प्रभावित इंग्लिश गांव के किसानों का बुरा हाल है खेत गंगा में समाने के कारण उनकी दैनिक स्थिति ठीक नहीं है। बाढ़ की दंश झेल रहे किसानों ने बताया प्रत्येक वर्ष उन्हें बाढ़ और कटाव की चुनौतियों से गुजरना पड़ता है वे लोग खेती पर ही निर्भर हैं खेत ही अगर गंगा में समा जाए तो फसल कहां से होगी ऐसे में खाने पीने तक के लाले पड़ जाते हैं। फसल बर्बाद हो जाने के कारण जरूरी खर्च भी निकालना चुनौती पूर्ण हो जाता है  हार थक कर वे लोग इलाका खाली कर देते हैं और महीनों बाद वापिस लौटते हैं। उन्होंने कहा कि लगातार अगर इस तरह की समस्या हो रही है तो किसानों की दयनीय स्थिति को देखते हुए सरकार को कोई ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता है इस प्रकार खाना पूर्ति करने से उनकी समस्या का निवारण नहीं होने वाला जबकि हर साल उन्हें अपनी जान की आहुति भी देनी पड़ती है। किसानों ने सरकार और जिला प्रशासन से इसके निपटारे की मांग की है।